नये बरस की नयी सुबह
खुशियाँ ले कर आयी हैं
उम्मीदें खुशहालीयों की
हर पल में समाई हैं
मखमलों की कोमलता से
उसने मुझे जगाया था
बेटी ने अपने हाथों से
गालों को सहलाया था
गालों को सहलाया था
शहद घुल गया कानों में
उसके मुख से जब छूटा
तुतलाता एक Happy Budday
प्यारा सा टूटा फूटा
शर्माती आँखों के पीछे
प्यार कहीं छुपायी थी
पत्नी जी ने जब मुस्काते
दी हमको बधाई थी
सच पूछें तो चाहत उनकी
जैसे किशन की राधा थी
मेरे जनम दिवस की खुशियाँ
उनको मुझसे ज़्यादा थी
माँ पिताजी भाई बहना
सबका मुझको प्यार मिला
मित्रों और सहेलियों का
स्नेह भी अपार मिला
सच कहा था संतो ने जो
अब हमने भी सीखा है
ऐसी संपत्ति के आगे
सोना चांदी फीका है