Tuesday, April 14, 2020

तालाबंदी (लॉकडाउन)


वश में अपने सब करने को, 
संपूर्ण सृष्टि को हरने को,
जिसने समस्त उपचार किया, 
पृथ्वी पर अत्याचार किया, 
वह आज घरों में अपने ही लाचार खिन्न सा बसता है,
देख अनोखा दृश्य मनुज का विषमाणु यह हँसता है। 

अपनी विलासिता वृद्धि से, 
अपनी सुख व समृद्धि से, 
जन्तू-जंगल का नाश किया, 
सागर आकाश विनाश किया, 
वह आज अभाव से घिरा हुआ इंसान अकेला पिसता है,
देख अनोखा दृश्य मनुज का विषमाणु यह हँसता है। 

दर्पण निसर्ग का देखा ना, 
हित सर्व भूत का सीखा ना, 
अपने अंदर न झांक सका,
अपना ही दोष न आंक सका, 
वह आज नसल भगवान राजनीति के ताने कसता है,
देख अनोखा दृश्य मनुज का विषमाणु यह हँसता है। 

Thursday, March 19, 2020

निर्माण गुणगान


वर्णन है निर्माण कार्य से कितना प्रेम हम करते हैं,
दिन-प्रतिदिन तेरी चरणों का धूलपान हम करते हैं। 

सुन्दर सप्त-स्वरों सा मधु संगीत सुनाई देता है,
ट्रक ट्रेक्टर मुद्गर मिलकर जब शोर अधिकतम करते हैं। 

तीरथ-पुण्य प्राप्त होता है जब भी वर्षा होती है,
निर्मल-सरित रूप कीचड़ व जल जो संगम करते हैं। 

दया तुम्हारी प्राप्त हुई आलस का हमने नाश किया,
निद्रा-मुक्त हुए जन जग हम नित्य परिश्रम करते हैं।