भारत भू पर पुनः राम का पुण्य काल आरम्भ हुआ।
असुर असत का भवन गिरा,
हुई पुनर्जीवित धरा,
भक्ति शक्ति बल साहस से अब ध्वस्त दुष्ट का दम्भ हुआ।
भारत भू पर पुनः राम का पुण्य काल आरम्भ हुआ।
हुए प्रफुल्लित सब जन मन,
आनन्दित होता कण कण,
शोक सभ्यता को आशा विश्वास नाम आलंब हुआ।
भारत भू पर पुनः राम का पुण्य काल आरम्भ हुआ।
सदियों (तक) सहता रहा दमन,
दुःख सहा भयंकारी भीषण,
बूँद-बूंद अश्रु का उनके विजय ध्वजा का स्तम्भ हुआ।
भारत भू पर पुनः राम का पुण्य काल आरम्भ हुआ।