होठों में मुस्कराहट है
आँखों में घुली शरारत है
फिरता दुनिया के मेले में
अपनी तो ऐसी आदत है
रस्ते में हमसफ़र मिले
हँसते हँसते हम संग चले
फैलाते बरसाते सदा
खुशियाँ जितनी हमको मिले
लेकिन जो कोई झांकता
दिल की गहराई मापता
टूटा फूटा सा कोने में
टुकड़ा मिलता एक ख्वाब का
चुभता दिल की दीवारों पर
कर देता घाव दरारों पर
जलता भुनता है दिल मेरा
रखा जैसे अंगारों पर
उम्मीद यही कि हट जाए
ये दर्द कभी तो घट जाए
हर चाह तेरी हर ख्वाब तेरा
दिल से मेरे अब मिट जाए
ऐसे ही अब जी लेता हूँ
खुशियों से दिल भर लेता हूँ
और परदे में इन खुशियों के
अपने आंसूं पी लेता हूँ
आँखों में घुली शरारत है
फिरता दुनिया के मेले में
अपनी तो ऐसी आदत है
रस्ते में हमसफ़र मिले
हँसते हँसते हम संग चले
फैलाते बरसाते सदा
खुशियाँ जितनी हमको मिले
लेकिन जो कोई झांकता
दिल की गहराई मापता
टूटा फूटा सा कोने में
टुकड़ा मिलता एक ख्वाब का
चुभता दिल की दीवारों पर
कर देता घाव दरारों पर
जलता भुनता है दिल मेरा
रखा जैसे अंगारों पर
उम्मीद यही कि हट जाए
ये दर्द कभी तो घट जाए
हर चाह तेरी हर ख्वाब तेरा
दिल से मेरे अब मिट जाए
ऐसे ही अब जी लेता हूँ
खुशियों से दिल भर लेता हूँ
और परदे में इन खुशियों के
अपने आंसूं पी लेता हूँ
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